थकहार कर जब मैं, गम से बोझिल हुआ मौत को पुकारा, पर उसने भी ना छुआ, थकहार कर जब मैं, गम से बोझिल हुआ मौत को पुकारा, पर उसने भी ना छुआ,
जिंदगी ने नहीं छोड़ा तुझे सिखाना सीखने को बहुत कुछ अभी बाकी है, जिंदगी ने नहीं छोड़ा तुझे सिखाना सीखने को बहुत कुछ अभी बाकी है,
मुकेश बिस्सा श्री कन्हैया कुंज,4 नवखुनिया, गांधी कॉलोनी,जैसलमेर मुकेश बिस्सा श्री कन्हैया कुंज,4 नवखुनिया, गांधी कॉलोनी,जैसलमेर
ठहरी रही नजर तेरे दीदार को पर सजा मुकर्रर तुमने कर ही दिया, ठहरी रही नजर तेरे दीदार को पर सजा मुकर्रर तुमने कर ही दिया,
मेरी मोहब्बत पर एतबार कर मैं हूँ बेकारकर मुझे प्यार कर। सारे वादे सारी कसमें सारी तकर मेरी मोहब्बत पर एतबार कर मैं हूँ बेकारकर मुझे प्यार कर। सारे वादे सारी कसम...